Sunday, 11 November 2018

आज हवा उदास है

आज हवा उदास है
किसी का इंतजार है
किसी के आगमन की दरकार है
खुशबू विद्यमान है
पर वह भी विवश है
कोई दूर देश मे पड़ा है
मौसम आ रहा और जा रहा
पर उनका तो बस संदेश ही
आज वह भी गमगीन बना रहा
कब तक मन मानेगा
वह तो हलचल मचा रहा
बस अब और जुदाई  नहीं सहना
तुम आ जाओ
सारी खुशियां मिल जाएगी
नहीं भाती यह दूरी
समझती हूं तुम्हारी मजबूरी
कमाई करना है
जीवनयापन करना है
यह सब हम लोगों के लिए
पर तुम्हारे बिना सब सूना
न भूख न प्यास
हर दम लगे
तुम्हारे आने की आस
आ जाओ
जी लेंगे
गुजारा कर लेंगे
जिंदगी गुजर जाएगी
इस एहसास के साथ
साथ तो है साथी का
वह रहे तो
यह हवा भी खुशगवार हो जाएगी
केश लहरांएगे चेहरे पर
तुम उन लटों को अपने हाथों से हटाना
उसी बहाने गालों को प्यार से छू लेना
हवा भी लहरा उठेगी
हमें साथ देख
नया तराना छेड़ेगी
खुशबू को फैला.
इठलाती बल खाती
झट भाग जाएगी

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