Friday, 16 November 2018

स्वानंदी टिकेकर

दिल दोस्ती और दुनियादारी की अभिनेत्री आजकल सुर्खियों मे है
यह टेलीविजन सीरियल की मराठी नायिका अपने अभिनय का लोहा मनवा रही है
याद आ रहा है वह दिन जब पाठशाला मे बालिका दिवस समारोह मे विशेष अतिथि के रूप मे उसे आमंत्रित किया गया था
मैं पाठशाला समय से पहले ही पहुंचती थी क्योंकि बचपन में वही आदत डाली गई थी जो आज तक कायम है
अपने टेबल पर बैठ कर अखबार खोल ही रही थी कि एक लड़की आकर सामने खड़ी हो गई
मिस।  मुझे पहचाना
तुम कौन ??
मै आनंदी टिकेकर
अरे हाँ ,याद आया
वह छोटी फ्राक वाली आनंदी याद आ गई
बचपन मे जिससे मै हमेशा पाठ वाचन करवाती थी
क्योंकि उसकी आवाज अच्छी थी
पर अब तक मुझे यह नहीं पता था कि यह सीरियल की नायिका है
क्योंकि मराठी सीरियल मैं देखती नहीं
समारोह में उसने भाषण दिया
बच्चे उसे देख खुश हो रहे थे
ताली बजा रहे थे
समारोह खत्म हुआ
कक्षाएं शुरू हुई
पर बच्चों का मूड नहीं था पढने का
शायद उन्होंने किसी नायिका को पहली बार देखा हो
सबको उसका आँटोग्राफ चाहिए था
मैंने उनको कहा
ठीक है एक एक पेज पर अपना नाम लिखकर दो
सबको आँटोग्राफ मिलेगा
पर पहले पाठ का प्रश्न उत्तर लिखो
पचहत्तर बच्चों का पेज लेकर मैं उसके पास गई
अभी तक वह स्टाफ रूम मे ही थी
न जाने कितने सालों बाद आई थी
मैंने कहा
इन सब पन्नों पर आँटोग्राफ दो
उसने कहा
मिस इतना
मैंने हँसकर कहा
क्यों क्या हुआ
इतने साल पेपर करेक्शन और सिग्नेचर
उसका तो हिसाब नहीं
यह तो केवल पचहत्तर है
स्वानंदी मुस्करा उठी
बातें करते करते उसने सब पर आँटोग्राफ दिया
मैंने बच्चों को ले जाकर दिया
सब खुश हो उठे
संभाल कर बैग मे रख लिया कि घर पर दिखाएंगे
शिक्षिकाएं भी फोटों खिंचवा रही थी
मुझे वैसे इन सब मे रुचि नहीं रही है
ज्यादातर शिक्षिकाएं नयी है
वह भी उत्साहित थी
फिर वह 
मिस एक सेल्फी
फिर मैंने भी साथ मे फोटों खिचवाया
पर एक बात मन को छू गई
उसकी विनम्रता ,दूसरों के प्रति सम्मान
घमंड का नामोनिशान नहीं
क्यों इसका कारण है
माता पिता के संस्कार
और पोस्ट गेज्रुएट डिग्री
शिक्षा का प्रभाव तो रहता ही है
स्वानंदी ऐसे ही आनंद दे
आगे बढे
यही शुभकामना।

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