Friday, 14 December 2018

E V M मशीन

हार भी मेरी जीत भी मेरी
मैं जाऊ तो जाऊं कहाँ
हार गए तो तोहमत मुझ पर
मैं ही खराब
जीत गए तो बल्ले बल्ले
मैं तो मशीन हूं
व्यक्ति के हाथ का खिलौना
मै तो बराबर अपना काम करू
अगर छेड़छाड़ न हो
कुछ मेरे पक्ष मे
कुछ मेरे खिलाफत
अगर कुछ होता है
तो मेरा उसमें क्या दोष?? 
यह तो इंसानी फितरत है
वह अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है
मशीन के अनुसार इंसान नहीं
बल्कि इंसान के अनुसार मशीन
मुझे व्यर्थ मे दोष
कुछ की मांग
मुझे हटाया जाय
मैन्युअल प्रणाली लाई जाय
उस समय भी तो बैलेट बाक्स को लूटा जाता था
जबरन ठप्पा मरवाया जाता था
आज स्थिति अलग है
अब मुझे कोई अपने घर ले जाता है
इंजीनियर से छेड़छाड़ करवाता है
पर मेरी महत्ता को तवज्जो नहीं दी जा रही
दिन रात लग जाते थे
मत गणना मे
आज तो कुछ ही घंटों मे यह संभव
इसका श्रेय तो मुझे ही जाता है
मुझे हटाए नहीं
बस छेड़छाड़ न करें
ईमानदारी बरती जाय

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