हम रहे न रहे मां भारती अमर रहे
सांस भी ले तो इसी की गोद मे
जान भी जाए तो भी इसी की मिट्टी मे
माता रहे सलामत
माता रहे समृद्धशाली
इसकी गोद रहे हरीभरी
यह शुभ्र हो
सौंदर्य शाली हो
भाग्यशाली हो
तब हम भी होंगे निश्चिंत
माता दुलराती रहे
संतान उन्नति करें
माता यही कामना करें
सागर चरण पखार रहा
हिमालय प्रहरी बन रहा
नदियां अमृत बरसा रही
वन - जंगल संपदा बरसा रहे
इन सबको सजोये रखना हमारी जिम्मेदारी
माता अपने बच्चों से चाहती है
सबकी रखवाली
सबकी हिफाजत
शस्य श्यामला धरती
जननी सबकी
सबका अधिकार
सबका कर्तव्य
इसका सबको हो भान
तब जाकर संपूर्ण हो गणतंत्र
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Saturday, 26 January 2019
हमारा गणतन्त्र
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