Sunday, 7 April 2019

नेताजी

नेताजी घूम रहे हैं गली गली
हर नुक्कड़ पर रूक रहे
लोगों से मिल रहे हैं
हाथ जोड़ रहे हैं
किसी -किसी से गले भी मिल रहे
चेहरे पर मुस्कान लपेटे हुए
धूप -गर्मी की परवाह नहीं
घंटों पैदल चलते भी नहीं थकते
रात -दिन एक कर रहे
पांच साल बाद आया है यह मौसम
मेहनत तो करनी ही पड़ेगी
मलाई जो खानी है
सत्ता का स्वाद जो चखना है
आलीशान गाड़ी मे सफर करना है
तब पैदल चलना होगा
जबान भी लड़खड़ा जाती है
फिर संभल जाते हैं
अपनी ही बात का खंडन कर डालते
विपक्ष पर जम कर प्रहार
क्योंकि आया है
लोकतंत्र का त्योहार

No comments:

Post a Comment