कब चुनाव का दिन आए
कब छुट्टी मिले
चुनाव का दिन बेशकीमती
बेशक जी भर कर सोए
मौज मजा करें
गप्पें मारे
टेलीविजन देखे
मोबाइल पर जमे रहे
पर वोट डालना न भूले
अपने इन सब कामों को छोड़
कुछ बहुमूल्य समय निकाले
वोट देने जरूर जाय
यह सब तो हर वक्त होता है
वोट देने का मौका
पांच साल बाद
सही उपयोग करें
वरना बाद मे कोस कर क्या होगा
जिम्मेदार नेता नहीं
आप बनिए
उचित उम्मीदवार का चुनाव करें
उसे जिम्मेदारी दे
जुमलों ,बातों ,मनलुभावन वादों मे मत आइए
रूपये ,शराब ,मास-मदिरा
इन सबसे भी किनारा करिए
लालची नहीं समझदार बनिए
जानिए ,समझिए ,पहचानिये
निश्चय करिए
तब जाकर वोटिंग मशीन का बटन दबाइए
नेता का भविष्य तय करने से पहले
अपना भविष्य सुनिश्चित कीजिए
यह लोकतंत्र का महापर्व है
इसे जी खोल कर मनाइये
अपनी छुट्टी का सदुपयोग कीजिए
वोट देना धर्म और कर्म दोनों
इसमें कोताही नहीं बरतना है
वोट तो देना ही है
हर हाल मे
यही तो जवाब है जनता का
जनता जनार्दन होती है
तब अपना आशीर्वाद वाया नहीं जाने देना है
अधिकार का इस्तेमाल करना है
वोट तो जरुर देना है।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 11 April 2019
वोट तो जरुर देना है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment