Friday, 26 July 2019

अपने ही पिता को ??

पिताजी को तीर्थयात्रा पर लेकर निकला बेटा
विचार था आते समय कहीं पर छोड़ दूँगा
पूरी प्लानिंग के साथ
पत्नी से भी सलाह ले ली थी
बहुत किटकिट करते
दिन रात बोलते रहते
ऊब चुके थे
दादाजी को घुमाने ले जा रहे हैं
पोता दादा जी से गले मिला
मजा करके आओ
भगवान का दर्शन कर आओ
मैं भी बडा हो जाऊंगा तब आपको और मम्मी को ऐसे ही ले जाऊंगा
दोनों पति-पत्नी एक दूसरे को देखने लगे
इशारों में कुछ कहा
फिर सर हिलाया
होंठो पर मुस्कान छा गई
नहीं पिता को ससम्मान साथ लाना है
आज ये बूढे है
कल हम भी तो होंगे
अगर हमारा बेटा भी यही करें तो
क्या हुआ पापा
कुछ नहीं , कुछ नहीं
कुछ भटक गया था
अब ठीक है
आप तो एक ही जगह खडे हैं
भटक कहाँ गए थे
तू नहीं समझेंगा बेटा
पापा ने प्यार से सर पर हाथ फेरते हुए कहा
बहुत बडी गलती करने जा रहा था
तूने बचा लिया
छोटे भी बडो को सिखा सकते हैं
बापूजी चलिए
गाडी आ गई
हाँ हाँ चल
तेरे जैसा लायक बेटा ईश्वर हर किसी को दे
वह सोच रहा था
यह नालायक आज क्या करने जा रहा था
अपने ही पिता को ????

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