बरसात ने दस्तक दी
तब छाता भी अलमारी से बाहर निकला
अरे , यह क्या ??
इसके तो एक - दो तार टूटे हुए
मरम्मत कराना पडेगा
मजबूत है
यह बारिश तो निकल ही जाएगी
मोह भी है
फेंकने का मन नहीं कर रहा
यह तो छाता है
इससे भी लगाव
छातेवाले ने तार को ठीक कर दिया
नया रिप्लेशमेंट कर दिया
अब वह ठीकठाक
कई बार दिल के तार भी टूट जाते हैं
उन्हें हम ठीक क्यों नहीं करते
कुछ छोटे से कारणवश भी
बहुत साथ निभाया था
छाता तो बारिश से बचाव किया
उसने तो न जाने कितनी बार मुसीबत में साथ निभाया
इस टूटे हुए तारों को कारीगर नहीं ठीक कर पाएगा
हमें ही भूलकर
मुस्करा कर अपनों से दिल के तार जोड लेना चाहिए
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