Thursday, 2 January 2020

मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ

मैं कुत्ता हूँ
बेजुबान हूँ
अच्छा है न
केवल भौकता हूँ
किसी को अपशब्द तो नहीं कहता
अपमानित तो नहीं करता
निंदा तो नहीं करता
शब्दों के व्यंगबाण तो नहीं चलाता
जब आप कहते हैं
यह कुत्ते की तरह भौकता है
तब मुझे दुख होता है
मैं आप जैसा बिल्कुल नहीं हूँ
मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ

मुझे कहा जाता है
मैं मालिक के पीछे दूम हिलाता है
सही है
मैं नमकहराम नहीं हूँ
स्वामीभक्त हूँ
मालिक के पीछे जान दे सकता हूँ
मनुष्य जैसा नहीं
खाए किसी का और गाए किसी का
अपनों की पीठ में ही पीछे से छुरा घोंपे
यह तो मैं नहीं करता
मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ

कहा जाता है
कि कुत्ते की दुम टेढ़ी ही रहती है
कुछ भी कर लो
सही है
मैं दलबदलू नहीं हूँ
जैसा हूँ उसी पर कायम हूँ
शेर की खाल में छुपा भेडिया नहीं हूँ
मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ

हर दम साथ निभाता हूँ
मरते दम तक
एक बार किसी का हो लिया
तब अंत तक उसका
सडकों से लेकर महलों तक में निवास
फिर भी घमंड का नामो-निशान नहीं
मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ

जमीन से जुड़ा हूं
पर स्वर्ग तक पहुंचा हूँ
धर्मराज युधिष्ठिर का सहचर हूँ
उनके साथ स्वर्ग के द्वार तक पहुंचा हूँ
तभी तो मैं अपने धर्म पर अडिग हूँ
धर्म और जाति के बंधनों से परे
स्वामिभक्ति ही धर्म मेरा
मैं मनुष्य नहीं कुत्ता हूँ .

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