Thursday, 9 April 2020

हम है मुंबईवासी

इतना शांत शांत
नीरव शांतता
न पौ पौ न धौ धौ
न भीड़
न भागम-भाग
न ट्रेफिक न जाम
न वह लोकल ट्रेन के धक्के
न बस - रिक्शा की कतार
यह तो रास नहीं आ रहा
वह दिन याद आ रहा
धक्के मे चढे
धक्के से उतरे
सीध में सब चले जा रहे
वह अंधेरी ,दादर और चर्चगेट का दृश्य
अब रह गए चर्चा में
विरार ट्रेन का विचार आते ही
जो रोंगटे खडे हो जाते थे
अब सुन्न पड गए हैं
ऐसा जीवन तो मुंबई वासी को कभी रास नहीं आने वाला
उनको तो भागने और दौड़ने की आदत जो पड गई है
बेकाम रहना उनकी फितरत में नहीं
अब घर पर बैठे हैं
बाट जोह रहे हैं
कब यह खत्म हो
वह भागम-भाग करें

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