Tuesday, 14 April 2020

तब क्या परेशानी

हम घर में बैठे हैं
परिवार के साथ
फिर भी परेशान हैं
वे बाहर हैं
अपने परिवार से दूर
हमको सुरक्षित रहना है
उनका काम हमको सुरक्षित रखना है
इसलिए वे मुस्तैद है
तत्पर हैं
अपनी जान जोखिम में डाले हुए हैं
घर का खाना उन्हें नसीब नहीं
अपनों को छूने में उन्हें डर लगता है
कहीं उन्हें न कुछ हो जाय
हमें बाहर निकलना मना है
वे बाहर ही बाहर है
तब भी कोई शिकायत नहीं
बस यह चाहते हैं
घर से बाहर न निकले
घर में रहे
महफूज रहे
तब हम क्या इतना भी नहीं कर सकते
आराम से तो बैठना है
मोबाईल ,टेलीविजन देखना है
मनपसंद खाना , खाना है
तब क्या परेशानी

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