Tuesday, 14 April 2020

सब सुखी तो हम भी सुखी

सब सुखी तो हम भी सुखी
ईष्या और जलन यह तो मानव स्वभाव
कोई भी इससे अछूता नहीं
प्रतिस्पर्धा यह हमारी फितरत
उसको सब कुछ तो हमें क्यों नहीं
हमारा क्या अपराध
हमारा ही भाग्य ऐसा क्यों
ईश्वर को भी दोष देते
किसी की भी उन्नति हमें खटकती
हम ऊपर से भले बधाई दे
मन में तो वह बात नहीं रहती
ऐसा इस कारण कि
हम कहीं न कहीं कम हैं

पर जरा सोचकर देखे
अगर हमारा पडोसी सुखी रहेगा
तभी हम भी चैन से रह पाएंगे
अगर रिश्तेदार संपन्न हो तो
सारी परेशानी से छुटकारा
न मांगने की झंझट
न लेनदारी न देनदारी
पडोसी बीमारी मुक्त तो हम भी निश्चिंत
वह खुश तो हमें भी खुश रखेगा
नहीं तो रोज झगड़ा - झंटा

आज इस महामारी में हम प्रार्थना कर रहे हैं
यह हमारे पडोसी क्या
हमारे मोहल्ले में भी न आए
मोहल्ले क्या
प्रान्त क्या
देश में भी न आए
देश क्या वर्ल्ड में भी न आए
जहाँ है वहाँ से रफा दफा हो जाए
कहा गया है न

ऊ सर्वे  भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

हिन्दी भावार्थ:
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।

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