Tuesday, 2 June 2020

हमें गाँव जाना है

हमें गाँव जाना है
अपने घर जाना है
बस अब नहीं रहना है
अपने वतन और देश जाना है
सब सुविधा है यहाँ
फिर भी नहीं रहना है
सारे इंतजाम है
फिर भी जाने का है इंतजार
आए थे यहाँ कमाने
अपने परिवार को छोड़
फिर उनके पास जाना है
उनके लिए ही तो आए थे
अब फिर उनके लिए ही जाना है
अपनों के बीच रहेगे
सुकून से जीएगे
नमक रोटी खाएंगे
जीए या मरे
कम से कम अपनों के बीच तो रहेगे
सब कुछ है यहाँ
पर अपने नहीं है
घर से दूर
अपनो से दूर रहना सबसे बडा दंश
वह तो वही जानेगा
जिसने इस दंश को झेला हो
सुख में साथ हो न हो
पर दुख में साथ जरूरी है
हिम्मत और हौसला
जीने का जज्बा मिलता है
मत रोको हमें
मेहरबानी कर पहुँचा दो
बस अब नहीं रहना है
हमें गाँव जाना है
अपने घर जाना है

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