Saturday, 9 January 2021

स्वयं ही जिम्मेदार

उडान भरनी थी मुझे भी
बंध गई कर्तव्य की डोरियों में
बंधी इस तरह
अब तक न निकल पाई
छटपटाती रही पर बंधनों से मुक्त न हो पाई
ऐसा नहीं था
यह कोई असंभव बात थी
यह तो मैंने हो स्वेच्छा से बेडी डाल रखी थी
दो नावों पर पैर रख नैया पार नहीं होती
किसी एक का चुनाव तो करना ही पडता है
यह भी हो
वह भी हो
यह तो सभी को नहीं हासिल
अपने मन की करों
या दूसरों के मन की
अपनी खातिर जीयो
या दूसरों के लिए
यह च्वाइस तो आपकी
दोष देने से सब कुछ हल नहीं होता
हिम्मत और कुछ कर गुजरने का माद्दा स्वयं में हो

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