Monday, 8 February 2021

नशा जीवन का हिस्सा

नशा , नशा होता है
उसका कोई जात - धर्म नहीं होता
वह कोई भी हो सकता है
शराब का नशा
प्रेम का नशा
मेहनत का नशा
पढाई का नशा
शराब जब चढती है तब आपा खो देती है
प्रेम जब सर चढकर बोलता है
तब सारी दुनिया से विद्रोह करने की ताकत आ जाती है
मेहनत जब रंग लाती है
तब सबको अपने साथ जोड़ जाती है
पढाई जब उफान पर चढती है
तब बडे - बडो के सिर झुका देती है
वह व्यक्ति पर निर्भर है
वह किस नशे का आदी हो
यह एक बार लग जाती है
तब पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है
चुनाव आपका है
जीवन आपका है
नशा तो होना जरूरी है
वह जीवन में रंग भरती है
दृष्टिकोण बदलती है
तब जम कर नशा करें लेकिन सोच समझकर

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