तुम मुझसे मोहब्बत करते थे
यह मैं तो नहीं जानती थी
पर तुम तो जानते थे
एकतरफा प्यार था तुम्हारा
मुझे तो पता भी नहीं था
पता तो तब चला
जब तुमने इजहार किया
मैंने भी इन्कार किया
प्यार कोई खेल तो नहीं होता
वह जबरन भी नहीं होता
तुम मैसेज करते थे
तुमको मेरी ऑखे अच्छी लगती थी
तुमको मेरे कान के बूंदे अच्छे लगते थे
तुमको मेरे माथे पर की लट अच्छी लगती थी
मेरे लहराते बाल अच्छे लगते थे
मेरा सांवला सा रंग अच्छा लगता था
मेरे ओठ अच्छे लगते थे
मेरी हर अदा अच्छी लगती थी
मैंने भी तुम्हे तवज्जों नहीं दी
सोचा कोई सिर फिरा आशिक है
अपने आप ही बदल जाएं गा
पर यह क्या ??
तुमने तो मेरी पूरी दुनिया ही बदल दी
मुझ पर तेजाब डाल दिया
मेरा चेहरा वीभत्स कर दिया
आज ऑखे धंस गई हैं
ओठ टेढे हो गए हैं
नाक दब गई है
त्वचा जल गई है
केश झुलस गए हैं
पूरे शरीर में जलन ही जलन
तुम्हें मेरे जिस रूप से प्यार था
उसको ही खत्म कर दिया
प्यार तो त्याग का नाम है
उसमें जान ली नहीं जाती
दी जाती है
पर इतना घिनौना कृत्य
जेल की सलाखों के पीछे हो
एक न एक दिन बाहर आ ही जाओगे
मैं तो पडोस में ही हूँ न
हर रोज तुम्हें अपना चेहरा दिखाऊंगी
तुमको याद दिलाऊगी
पल - पल सोचने पर मजबूर करूंगी
पूछूगी
क्या अब भी प्यार है मुझसे
अब तो मुझसे इस रूप के साथ कोई प्यार करने से रहा
तुम सचमुच प्यार करते थे तो अब भी करों गे
प्यार तो आत्मा से होता है न शरीर से नहीं
पर पता है तुम यह नहीं कर पाओगे
मेरी जिंदगी तबाह की है न
तुम्हारी भी कभी आबाद नहीं होगी
यह एक धधकती आत्मा की बददुआ है
जो कभी पीछा न छोड़ेगी
लाख यतन करों
जेल से मुक्त हो जाओगे
पर इस अपराध बोध से नहीं
अगर मानव होंगे तो ??
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