बात चीत है बंद
पति- पत्नी है बेचैन
और सब कुछ छोड़छाड
बस लगा एक - दूसरे पर ध्यान
एक - दूसरे की हरकत पर है नजर
उसने क्या किया
खाना , खाया या नहीं
समय से दवाई ली या नहीं
सुबह गर्म पानी पिया या नहीं
पेट का हाजमा ठीक है या नहीं
कमर दर्द कैसा है
बस बात नहीं कर रहे हैं
ध्यान बराबर रख रहे हैं
किसी की आह निकल जाएं
तब बेचैनी घेर लेती है
क्या हुआ
तबियत ठीक तो है न
यह जानने को मन व्याकुल हो उठता है
मुख से बातचीत बंद
मन से शुरू
क्या यही प्यार है
और नहीं तब इसको क्या नाम दे
एक - दूजे के लिए जीना
ख्याल रखना
इनको नाम की जरूरत ही नहीं
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