Monday, 10 May 2021

स्वार्थ रहित ममता

एक कहानी  पढी थी
दो घोड़ी खडी थी
एक माँ  और एक बच्चा
दोनों  समान ही दिख रही थी
किसी ने कहा
अब बताओ
इसमें  माँ  कौन और बच्चा कौन
एक ही रंग रूप
कद काठी और हष्ट पुष्ट
मुश्किल  था जजमेन्ट  करना
तभी एक उम्र दराज  व्यक्ति  सामने आए
कहा - यह तो बहुत  आसान  है
हरी घास का चारा लाकर डाल दो
तब देखों
यही किया गया
चारा  डालने पर एक तुरंत  खाने  लगी
दूसरी  खडी देख रही थी
जब उसने खा लिया 
तब बचा हुआ  दूसरी ने खाना  शुरू  किया
अपने आप ही अंतर पता चल गया
इंसान  ही नहीं 
पशु पक्षियों  में  भी  यह भावना होती  है
जबकि  यह पता है
कोई  किसी  के काम  नहीं  आने वाला
मनुष्य  में  फिर भी आशा होती है
बुढापे  में  देखभाल  करेंगी संतान

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