Monday, 10 May 2021

माता का नाता

जिसने मुझे  लिखा है
जिसने मुझे  गढा है
जिसने मुझे  आकार दिया है
जिसने मुझे  संवारा - संजोया है
जिसने  मुझे  पढना - लिखना  सिखाया है
पग - पग चलना
आत्मनिर्भरता का पाठ पढाना
पालन - पोषण करना
समर्थ  बनाना
इस दुनिया  में  रहना
यहाँ  के पेचींदो  को  समझना
यह सब सिखाने वाला
बस एक ही व्यक्ति
वह है माता
साधारण  मानव से लेकर  ईश्वर  तक
उसके बिना किसी की कल्पना  नहीं
वह अगर नहीं  तो कोई  नहीं
संसार  की जन्मदात्री
हर जीव की संरचनाकार
वह तो होती है माता
माता का नाता
        यूँही  नहीं  भाता
उससे  जुड़ा है
           हर जीवात्मा ।

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