Wednesday, 19 May 2021

लिंग अनुपात में असंतुलन घातक

गाय  को बच्चा हुआ
खुशी हुई 
घर में  दूध - दही , घी - मक्खन  भी भरपूर  रहेगा
पर उतनी खुशी  नहीं कारण कि गाय ने बछडा  जन्म  दिया बछिया नहीं
अब तो वह बेकार है
पहले बैल और हल से खेत जोते जाते थे
बैलगाड़ी  चलती थी
आज मोटर और ट्रेक्टर  का जमाना  है
इंसान  तो अपना  फायदा देखता है बैल से तो कुछ  फायदा नहीं
क्यों  खिलाएंगा
कुछ  दिन बाद छोड़  दिया जाएँगा
यहाँ  वहाँ  घूमेंगा
खेत और फसल नष्ट करेंगा
न देखभाल  होने पर मर भी जाएंगा
एक समय था जब बैलों  को  तेल लगाया जाता था सजाया संवारा जाता था
नागपंचमी  के दिन  खूब  खातिरदारी  होती थी
अब बैल नहीं  चाहिए  गाय चाहिए
वह भी जब बूढी हो जाएंगी तो छोड़  दी जाएंगी
लिंग अनुपात बराबर का नहीं  गडबडा  जाएंगा
जब बैल ही नहीं  रहेगा तब गायों  की  संख्या  भी तो कम हो जाएंगी
गौ माता के दर्शन  दुर्लभ  हो जाएंगे
मनुष्यों  में  तो इसका दुष्परिणाम  दिख ही रहा है
लडकियों  की संख्या  कम लडको  की ज्यादा
कुछ  दिन पहले अखबार  में  पढा कि चाइना में  तीन करोड़

लडके कुँवारे  हैं
उनको दुल्हन नहीं  मिल रही है
हमारे यहाँ  भी कुछ  प्रांतों  गुजरात - हरियाणा  का भी यही हाल है
पशु हो या मानव
लिंग  अनुपात  में  असंतुलन  पूरा गणित  बिगाड  देंगी
सृष्टि  के  सृजन  का  ढांचा  बदल देंगी
जो किसी भी जीव के लिए घातक है

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