शिष्य और गुरु का नाता
नहीं कुछ इनके जैसा
डांट है फटकार है
फिर भी प्यार है
कडा अनुशासन है
फिर भी सम्मान है
नहीं है खून का रिश्ता
न कोई रिश्तेदारी
फिर भी अभिन्न है
पता है छोड़कर जाना है
फिर भी संबंध अटूट है
सब याद भूल जाते
पर बचपन कभी नहीं
उसमें गुरु जो रहता
वह पास नहीं
पर उसकी शिक्षा
चलती साथ साथ है
उन्नति के पथ पर चलते देख सब ईर्ष्यालु
पर गुरु ही है जिसका सीना गर्व से चौडा
शिष्य की सफलता
उसकी सफलता
वह तो गुरु है
जहाँ है वहीं रहेगा
पर चाहता
उसका शिष्य अपार सफलता हासिल करें
माता-पिता के बाद अगर कोई है
जो आपको ऊपर उठता देख इतराए
गर्व से कहें
यह मेरा स्टूडेंट है
आप कितने भी बडे हो जाओ
पर एक व्यक्ति हैं
जिसके सामने आप हमेशा छोटे हो
आपके सामने सब झुके
पर आप उसके सामने झुके
वह तो आपका गुरु ही है
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Monday, 5 July 2021
My dear Students अपनी सभी छात्राओं के लिए
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