Tuesday, 26 October 2021

तुम और मैं

तुम चाँद मैं तुम्हारी चांदनी
तुम सूरज मैं तुम्हारी किरण
तुम बरखा मै तुम्हारी बूंद
तुम आसमान मैं तुम्हारी तारा
तुम बादल मैं तुम्हारी बिजली
तुम समन्दर मैं तुम्हारी लहर
तुम नदी मैं तुम्हारी  किनारा
तुम हवा मैं तुम्हारी बयार
तुम फूल मैं तुम्हारी सुगंध
तुम माली मैं तुम्हारी  बगिया
तुम पेड मैं तुम्हारी लता
तुम जीवन मैं सांस तुम्हारी
हर धडकन में तुम
तुम मुझमें मैं तुममें
यही तो हैं हम
तुमसे ही असतित्व
तुमसे ही एहसास
तुम बिन तो मैं,  मैं ही नहीं
मैं नहीं तो तुम नहीं
एक - दूसरे के बिना जीवन , जीवन नहीं

No comments:

Post a Comment