Monday, 6 December 2021

सबका साथ सबका विकास

स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता और प्रथम कानून मंत्री
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की आज पुण्य तिथि है
बाबासाहब स्वयं उसी वर्ग से आते थे जहाँ हमारा हिन्दू समाज छूत- अछूत से ग्रस्त था । उनको यह सब झेलना पडा । विकास सबका होगा तभी देश का भी विकास होगा
किसी एक या दो जाति का वर्चस्व रहने पर तो नहीं ना ।भारत की वर्ण व्यवस्था ऐसी ही थी । दुरूपयोग हो रहा था धर्म के नाम पर अत्याचार और शोषण हो रहा था ।यहाँ तक कि ईश्वर के दरबार में भी भेदभाव। ऐसे समय में बाबा साहब दलितों के मसीहा बनकर उभरे ।
आज समय बदल गया है अब न वह जमाना रहा न वह भेदभाव। सभी अपने अधिकारों के प्रति सचेत। मिल भी रहे हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है ।
        आज की उच्च कहीं जाने वाली जातियों की पीढी इसका खामियाजा उठा रही है । नई जनरेशन पूछ रही है हमारा क्या गुनाह ।हमने क्या अपराध किया है ।हमे आरक्षण क्यों नहीं  ।हमें एडमीशन क्यों नहीं  ।हमें नौकरी क्यों नहीं।
    किसी एक घर में सब के सब सरकारी नौकरी वाले और किसी घर में योग्यता के बावजूद बेकारी और भुखमरी।
अपने पूर्वजों के कर्मो का भुगतान आज की पीढ़ी कर रही है पर कब तक
सोचना तो पडेगा । सबका साथ सबका विकास।
यही भावना तो भारतीय संविधान और बाबा साहब आंबेडकर जी की
यही भावना हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की भी है
तब इस समस्या पर भी गौर किया जाएं। संविधान निर्माता तो अब नहीं रहें वर्तमान निर्माता  इस पर ध्यान दे ।
बाबासाहब को शत शत नमन ।

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