हमारे घर के खर्चे कोई नहीं उठाता
हमारे कर्ज कोई नहीं भरता
हमारे बच्चों की पढाई लिखाई में कोई मदद नहीं करता
शादी - ब्याह में कोई सहयोग नही करता
अगर कुछ अच्छा हो रहा है
तब जलन होती है
कुछ बिगड़ जाएं तब हंसते हैं
ताना देते हैं
मजाक उड़ाते हैं
यह हर किसी का अनुभव है
फिर भी हम लोगों से डरते हैं
सोचते हैं
लोग क्या कहेंगे
यही लोग जो तुम्हारी राह में रोड़ा बन खडे हैं
तुम्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं
तुम्हारी उन्नति देख कर जलते हैं
कहने को दोस्त , रिश्तेदार औ पडोसी
लेकिन काठी मार गिराने को तैयार
तब क्या सोचना
लोग क्या सोचेगे
लोग क्या कहेंगे
उनको सोचने दो जो सोचना है
तुम अपना काम करो
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