हम तो जो थे वही रहना चाहते थे
सीधे सादे ईमानदार
अपने काम से काम रखने वाले
किसी प्रपंच में पडना नहीं चाहते थे
एक अच्छी सी सुकून भरी जिंदगी
न किसी को दुख देना चाहते थे न किसी का दिल दुखाना
अच्छा और सच्चा बनकर रहना चाहते थे
यही बात तो सबसे मुश्किल है
अपने हिसाब से जीना
यह दुनिया को रास नहीं आता
वह उसके जैसे ही बनाना चाहती है
बना कर ही छोड़ती है
तुम्हे मजबूर कर देती है
कहती है
अगर तुम सबके जैसे न बने
तब तो तुम्हारा गुजारा नहीं
यहाँ तो जैसे को तैसे वाली बात चलती है
शांति की नहीं
एक गाल पर थप्पड़ पडा तो दूसरा सामने करो
दूसरे पर और जोर का थप्पड़ पडेगा
जमीर और आत्मा बेच खाई है लोगों ने
यहाँ हर दूसरा टांग खींचने की फिराक में रहता है
गिराने पर मजा आता है
तब बडा संभल कर रहना है
कदम कदम पर धोखे हैं
सबके चेहरे पर मुखौटे हैं
कौन है अपना
कौन पराया
यह पता न चलता है
कथनी और करनी में अंतर
जो दिखता है वह होता नहीं
यह सब ऑखों का भ्रम है
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