Sunday, 9 October 2022

कृष्ण--11

सर्गाणामादिरन्तश्च मध्यं चैवाहमर्जुन। 
अध्यातविधा विधानां वादः प्रवदतामहम्। ।


हे अर्जुन  ! मैं समस्त सृष्टियों का आदि , मध्य तथा अन्त हूँ। 
मैं समस्त विधाओं में अध्यात्म विधा हूँ 
और तर्कशास्त्रियो में मैं निर्णायक सत्य हूँ  ।

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