Monday, 14 November 2022

जवाहरलाल नेहरू को शत शत नमन

बैरिस्टर मोतीलाल के घर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी 
नाम रखा जवाहरलाल 
मोती का बेटा जवाहर 
वही पंडित नेहरू जो बडे बाप के बेटे थे
सारी सुख - सुविधा से लैस 
विदेश से शिक्षा प्राप्त की 
कहा जाता है कि उनका कपडा धोने के लिए पेरिस जाता था
मोहनदास करमचंद गांधी से मुलाकात के बाद आजादी की लडाई लडी 
अपने जीवन के बहुमूल्य वर्ष जेल में काटे 
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने 
आधुनिक भारत के नवनिर्माता कहलाए 
अपना घर तक आनंद भवन देश को समर्पित किया
वे केवल मोतीलाल के जवाहर नहीं थे
भारत माता के वे बहुमूल्य जवाहर थे
कर्तव्य पथ आसान नहीं होता
बहुत कुछ कहा गया 
कुछ बातों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया
परिस्थितियों के अनुसार कार्य करना पडता है
फिर वह घर - परिवार हो या देश
प्रजातंत्र और हरित क्रांति
शांति का संदेश 
जिस व्यक्ति ने कहा था
मरने के बाद मेरी अस्थियाँ और राख  गंगा में और खेतों में डाली जाएं 
अपनी मिट्टी से कितना प्यार होगा
रहा सवाल उनके हिन्दू होने का तो जिसके नाम के आगे ही पंडित लगा हो
जिन्हें उनके समय के लोग पंडित जी से ही संबोधित करते हो इससे ज्यादा प्रमाण क्या होगा 
उनके रोमांस पर भी चर्चा होती है
वे चाहते तो विदेश में भी बस सकते थे , जो चाहे वह कर सकते थे
यह उनका व्यक्तिगत मामला है और उस पर टिप्पणी कर उनको छोटा दिखाना
इससे क्या उनका योगदान कम हो जाएंगा 
आज नेहरू को हासिए पर रखा जा रहा है
आप सब कुछ बदल सकते हैं 
इतिहास नहीं बदल सकते
जो है वह तो है
बच्चों के चाचा नेहरू का आज जन्मदिन है 
हम भी मनाते थे अपने छुटपन में 
कोट पहने हुए गुलाब लगाए हुए सर पर गांधी टोपी धारण किए हुए चाचा नेहरू ही याद आते हैं 
आज वह पंक्तियाँ याद आ रही है
   फूलों की सेज छोड़ दौड़े जवाहरलाल  
   साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल 
 शत शत नमन 
       बच्चों के हम सब के चाचा नेहरू को ।

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