Monday, 5 December 2022

हमारी धरती

गर्भ में जिसके जीव रहता है
संसार को जो संचालित करता है
वही तो सबकी धुरी है
कोख में जिसके संसार बसता है
गोद में जिसके संसार खेलता है
प्रलय और संहार जिसके हाथों में है
वह कोई और नहीं 
हमारी धरती माता है
सब बच्चों में सबसे प्यारा 
उसकी ऑखों का तारा 
जिससे बंधी उसकी उम्मीदें 
वह कोई और नहीं 
हम मानव है
माँ का सबसे बुद्धिमान बेटा कहलाता 
जिम्मेदारी मन से निभाएँ 
यह आस लगाती
हम सबकी माता धरती
उसका विश्वास बना रहें 
हर पेड - पौधे की देखभाल और रक्षा हो
माली बनकर सींचे हम
हर जीव हमारा भाई बंद
उनके प्रति भी जिम्मेदार हम
नदी- पहाड़ सब बाजूबंद 
सबसे निभाएँ प्यार भरा रिश्ता हम
सबको जब साथ रहना है
तब मिल जुलकर रहना होगा
उनके बिना तो हमारी सांस भी न चलेगी 
यह बात माता को बहुत खलेगी
सब रहें साथ - साथ
हरियाली से भरा जग हो
अपने अपने घर में रहने का सबका अधिकार हो
न किसी से कोई उसका हक छीने
सब एक - दूसरे का ध्यान रखें 
यह देख माता खुशी से फूला न समाएगी 
अपना रौद्र रूप , प्रलयंकारी रूप कभी न दिखाएगी 
जननी भी खुशी से मुस्कान भरती निहारेगी  ।

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