यह तो हमें ज्ञात नहीं
हाँ यह आभास जरूर है
जिस पर हमें गुरूर था कभी
उन्हीं ने गुनाहगार साबित कर दिया हमें
खैर छोड़ो कोई बात नहीं
गैर होते तो कभी ताकते नहीं
अपने हैं तो भूलते नहीं
गुनाह हमारा ऐसा भी कुछ न था
बस बेहिसाब प्यार करते थे
तभी तो समझ न पाए
उलझते ही रहें रिश्तों में
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