Sunday, 2 June 2024

यह जग हमारा

मन की ऑखों से देखो 
कितना सुंदर है यह जग
बहुत कुछ प्यारा है
यही तो जीवन सहारा है
ममता , प्रेम, अपनापन सब यही समाया 
त्याग और बलिदान की मिसाल भी यहीं 
मानवीयता और इंसानियत से भरी
यह दुनिया इतनी भी नहीं बुरी 
दोस्तों- रिश्तेदारों से भरी 
यहाँ नहीं कुछ खाली 
ईश्वर भी दिख जाते यहीं 
न जाने किन - किन रूप में 
अजनबी भी लगते प्यारे 
महान बनने के अवसर मिलते यहीं 
दाता बन जाओ
खुशियाँ बांटों 
जीत का परचम फहराओ 
तुम्हारा नाम तुम्हारी पहचान 
संसार है यह स्वर्ग नहीं 
अपना जीवन अपने हाथों 
कर्मों का हिसाब भी होता है 
भाग्य का भी फल मिलता है
तदबीर और तकदीर के मिलन से चलती जिंदगी 
जब विचरण करती है
तब इतिहास भी रच देती है 
जीते जी और जीवन के बाद भी 
लोगों के दिलों में रहते हैं 
यह मानुष जन्म है 
सुख - दुख का मेला
अंधेरे - उजाले के साथ ऑख - मिचौली 
हास्य और रूदन से झिलमिल 
प्रेम से लबालब भरी जिंदगी 
कोई जाना नहीं चाहता इस जग से 
कुछ बात तो हैं इसमें 
तभी तो रहना चाहता है हर कोई यहाँ 
मृत्यु से भयभीत 
फिर भी जिंदगी को भरपूर जीना चाहता 
स्वर्ग छोड़ भगवान भी आये यहाँ 
सब चीजों को अनुभव किया 
हम तो हैं नादान
करते जिंदगी से प्यार 
यह जग हमारा 
लगता हमको प्यारा 

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