राम की तो सारी धरती
रोम रोम में राम समाएं
राम को कोई क्या लाएगा
यह अहम् कहाँ से आ गया
राम किसी एक के नहीं
राम तो सबके हैं
यह आज राम ने संदेश दिया है
जबरदस्ती किसी के दिलों पर अधिकार नहीं किया जाता
राम जैसा बनना पड़ेगा
शबरी के जूठे बेर खाने पड़ेगे
उसके प्रेम का मान रखना पड़ेगा
निशाद राज को गले लगाना पड़ेगा
जटायु को पिता का दर्जा देना पड़ेगा
विस्थापित सुग्रीव और विभिषण की मदद करना
महा बलशाली रावण से युद्ध ठान लेना
माता कैकयी के प्रति भी मन में आदर होगा
अपने दुश्मन को भी गुरू मान शिक्षा लेने के लिए छोटे भाई को भेजना
सर नहीं पैरों के सामने खड़े होकर
एक अदने से धोबी के कहने पर जानकी को वन गमन करा देना
अपनी प्राणप्रिया से ऊपर जनता जनार्दन को सर्वोपरि समझना
घमंड का अंश लेशमात्र ही नहीं
ऐसे थे हमारे प्रभु राम
गांधी जी ऐसे ही नहीं गाते थे
रघु पति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
ईश्वर अल्ला तेरो नाम
सबको सम्मति दे भगवान
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