मैं अनगढ़ गांव के रीति-रिवाज से अंजान ऊपर से सब बोली और ताना मारने में एक्सपर्ट। मैं तो लगता था एकदम मूर्ख हूँ वैसे समय में वे डटकर खड़ी हो जाती थी बिना किसी की परवाह किए। बहुत लोगों को तकलीफ भी होती थी कि उनके साथ क्यों उठती - बैठती है । चढ़ाती है पर उन्होंने कभी इसकी परवाह नहीं की ।
बहुत अच्छा पल उनके साथ बिताया है । इतनी मजबूत औरत को तब टूटा हुआ देखा जब उनको असमय छोड़कर उनका जीवनसाथी चला गया । मृत्यु के कुछ दिन बाद ही मैं जब उनसे मिली तब बस आँखों में आँसू
ही देखा । बस वे सांस ले रही थीं मर तो उसी दिन गई थी । सारी इच्छा खत्म कर दी ।
जीवन बदल गया था । अब वह सहारा रहा नहीं । कभी घर से बाहर नहीं निकली थीं न होशियारी थीं । सीधी - सादी । बच्चों और परिवार के इर्द-गिर्द घूमना ।
शारीरिक तकलीफ को भी बहुत झेल लिया उसके बाद भी मिलने पर रोने के साथ किसी बात पर मुस्करा भी उठती थी । अस्पष्ट शब्दों में कुछ कहती रहती थी हम समझ नहीं पाते थे
जाना सबको है कोई अमर नहीं आया है । आज तुम्हारी बारी तो कल हमारी बारी । लेकिन व्यक्ति का किया और उसका व्यवहार नहीं मरता । वह याद रहता है ।
विमला का अर्थ है शुद्ध और पवित्र ह्रदय। तो सच में वे थी ही वैसी । पति और बच्चों के प्रति प्यार भरा समर्पण। हर किसी से प्रेम से मिलना और बतियाना , बिठाना
आज लिखते लिखते आँख में आंसू आ रहे हैं लेकिन यह भी ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले । उन्हें ईश्वर अपनी शरण में लें
उनकी बातें और यादें तो कहने बैठे तो खत्म ही नहीं होगी । आपको तो हम कैसे भूलेंगे। पलिया भी अब आपके बिना तो सूना लगेगा । अब कौन पूछेगा मन से हाल चाल
परछाईयां रह जाती है रह जाती निशानी है
जीवन का मतलब तो आना और जाना है
मेरी प्यारी और अजीज जीजी को आदर भरी श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏🙏🙏
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