वह खुशी से कोई नहीं देता
दहेज की बलिवेदी पर न जाने कितनी चढ़ गयी
समय बदला
कानून की दखलअदाजी हुई
अब स्वरूप बदल रहा था
कभी - कभी निर्दोष भी दंड भुगत रहे हैं
बहू की मौत के बाद लड़के का पूरा खानदान जेल में
कारण कुछ भी हो दहेज को ही बताया गया
अब फिर बदलाव
अब लड़के आत्महत्या कर रहे हैं
पत्नी से धमकी मिल रही है
बड़ी भारी रकम मांगी जा रही है
यह भी गलत वह भी गलत
लालच का अंत नहीं
समाज का रवैया वैसे का वैसा
बोली लड़कों की अब भी लग रही है
लड़कियों का नजरिया बदल गया है
वह दुरुपयोग कर रही है
शादी के बाद भाग जा रही है
दूसरा अफेयर है पर पैसे के लिए शादी कर रही है
कुछ दिनों बाद तलाक की अर्जी और संपत्ति का दावा
यह भी एक तरह से पीड़ित करना
लालच जब तक समाप्त नहीं होगा
तब तक यह सब चलता रहेगा
निर्दोष दंड भुगतते रहेंगे
अब कानून का ही सहारा
वो ध्यान रखें कि किसी निर्दोष को दंड न भुगतना पड़े
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