प्यार जीवन का नाम है प्यार बिना जीवन नीरस हो जाएगा
प्यार त्याग और समर्पण का नाम है
प्यार में हिसाब -किताब नहीं होता
प्यार गणित भी नहीं है जहॉ २+२=४ होता है
यहॉ २+२=७या९ भी हो सकता है
जबसे मनुष्य इस संसार में आया है प्यार किसी न किसी रूप में कायम रहा है
लोगों ने प्यार की खातिर तख्तो -ताज छोड दिये
इतिहास इसका गवाह है
प्यार जबरदस्ती या नापतोल कर नहीं किया जाता
प्यार केवल प्रेमी या प्रेमिका में ही नहीं होता
हर रिश्ते में प्रेम की दरकार होती है
मॉ का प्रेम निस्वार्थ होता है और वह हर त्याग के लिए तत्पर रहती है
पिता ,भाई,बहन दोस्त हर प्यार की अपनी अहमियत होती है
पति -पत्नी का प्यार जहॉ कि दो अंजान शख्स पूरी जिंदगी साथ गुजारने का वादा करते है
इन अंजान रिश्तों से ही खून के रिश्तों यानि संतान का जन्म होता है
प्यार की कोई मर्यादा नहीं होती
इनकी सीमा आकाश और सागर से भी विशाल होती है
हॉ प्यार बशर्ते सच्चा हो
उसमें अविश्वास की कोई गुंजाईश न हो
आज प्यार की परिभाषा बदल रही है
इसमें स्वार्थ धर कर रहा है
इसलिए यह प्यार का बंधन टूट रहा है
आपने जिससे प्यार किया है उसकी खुशी ही आपके लिए सब कुछ होना चाहिए
सामंजस्य की भावना होनी चाहिए
वासना से परे होना चाहिए
याद रखिए हर कामवासना में प्रेम नहीं होता लेकिन हर प्रेम की परिणिती उस पर ही खत्म होती है जिसका नाम है विवाह
और इस सामाजिक संस्था को चलाना हर किसी की जिम्मेदारी है
आजकल बहुत से एकतरफा प्यार के मामले देखे जा रहे हैं जो अपने मुकाम पर न पहुँचने के कारण भयानक रूप धारण कर रहे हैं
प्यार कोई भीख या दान नहीं है जो मॉगने से मिल जाएगा
यह तो ईश्वर की दी हुई वह नियामत है जिसमें व्यक्ति दूसरे की खुशी के लिए जीता है
यह एक पवित्र अहसास है
यह हाट और बाजार में नहीं बिकता है इसका कोई मोल नहीं
अत: प्रेम को निभाने और हमेशा कायम रखने की कोशिश जरूर करिए
हैपी वैंलेटाईन. डे
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Sunday, 14 February 2016
प्यार आखिर है क्या ? हैपी वैलेंटाईन डे
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