जवाहरलाल यूनवर्सिटी के छात्रों का देश की बर्बादी का नारा लगाना यह क्या छात्रों को शोभा देता है
अफजल गुरू का समर्थन करना ,पाकिस्तान जिन्दाबाद
यह कौन सी देशभक्ति है
छात्र देश का भविष्य है ,उनका काम राजनीति करना नहीं है
यह भगतसिंह और गॉधी का देश है
वे लोग भी कभी छात्र रहे हैं
यह इस तरह का व्यवहार क्यों हो रहा है
पाकिस्तान के झंडे फहराए जाते है
क्या यही सहिष्णुता है कि कोई कुछ भी कहे
हर बात की मर्यादा होनी चाहिए
यह तो सरासर देशद्रोह है
आंतकवादी के जनाजे में लोग हजारों की संख्या में शामिल होकर क्या जताना चाहते हैं
अफजल गुरू को आदर्श मानना यह आश्चर्य है
अगर यह इंवेट ही था तो क्या यही विषय मिला
देश इनकी पढाई पर इतना खर्च करता है ग्रान्ट इसलिए नहीं मिलता है
देश की बुराई करना ,शर्म आनी चाहिए
एक तरफ सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देते हैं
दूसरी तरफ एक तबका देश की शान को चकनाचूर करने में लगे हैं
क्या संदेश जाएगा हमारे पडोसी को
वह तो ऐसे ही परेशान करता रहता है
इससे तो मनोबल ही बढेगा
छात्रों को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए
इसे तो देशद्रोह मानना चाहिए
और ऐसे लोगों पर कडी कारवाई करना चाहिए
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी एक सीमा होनी चाहिए
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 12 February 2016
यह कैसी अभिव्सक्ति की स्वतंत्रता-देश के विरोध में नारे
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment