आजकल बाजार में अंगूर काफी मात्रा में आए है
मन हुआ कि आज खरिद कर घर ले चलू
ठेलेवाले से भाव पूछा तो उसने ९० रूपये किलो बताए
वही बगल में ही कुछ छूटे हुए अंगूर रखे थे
पूछने पर पता चला कि ४० रूपये किलो है
कारण था कि वे अपने गुच्छे से टूट चूके थे
तो उनका मूल्य अाधे से भी कम हो गया था
देखा जाय तो इसमें बहुत बडा संदेश था
अपनी जडो से कभी अलग नहीं होना चाहिए
नहीं तो हमारा भी महत्तव कम हो जाता है
हमारी जडे ही तो हमारी पहचान है
अकेला तो चना भी भाड नहीं फूकता
अपनों से जुडना और अपनों का साथ कभी नहीं छोडना चाहिए
आज लोग अलग -थलग पडते जा रहे हैं
और पैसों से सब कुछ खरिदना चाह रहे हैं
पर पैसा सुकुन और शॉति नहीं दे सकता
वह तो अपनों में ही मिल सकता है
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Saturday, 20 February 2016
अपनी जडो से जुडे रहने में ही भलाई है
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