Wednesday, 17 August 2016

सलामत रहे मेरा भैया

अनमोल धागा यह प्रेम का
बांध रखा है सबको अपनी डोर में
साल भर लडे- झगडे पर रक्षा बंधन का नाम सुनते ही चेहरे पर मुस्कराहट
हर भैया से बहना की आस
उपहार के साथ प्रेम की सौगात
जिंदगी भर बंधे रहने की कामना
भाई की रक्षा की कामना
ईश्वर के इस अमूल्य वरदान की सुरक्षा
खून का रिश्ता
ऊपर से मिला हुआ
न इसको तोड सकते हैं न खत्म कर सकते हैं

भय्या हो मुद्दैया सो ही दहिन बाह
निबियॉ हो करूआइन सो ही शीतल छाह

यानि भाई कितना भी विरोधी हो तो दाहिना हाथ है
नीम कितनी भी कडवी हो तो भी शीतल छाह देती है 

इतिहास गवाह है रानी कर्मवती का हुमायूँ को राखी भेजना और हुमायूँ का बहन को निराश न करना
राजा बलि से लक्षमी द्वारा  द्वारपाल विष्णु को मांगना
रावण द्वारा अपनी बहन सूपर्णखा के अपमान का बदला लेने के लिए सीता का अपहरण और कुल का नाश
जगन्नाथ जी में बलराम - कृष्ण के साथ बहन सुभद्रा
यानि सही हो या गलत
कोई साथ दे या न दे
पर भाई पर ऑख मूंद कर विश्वास
कोई भी कैसी भी बहन हो पर हर बहन के दिल से भाई के लिए दुआ ही निकलेगी
पुराने लोक गीतों में भाई को बहन कहती है

छुटी - छुटी गगरी भरैये ,भौजी क लुगरी धुअएं
खिरकी के रस्ते अइहै ,हमहु भैया भेटब
    यानि भाई गरीब है तब भी आना
भाभी की पुरानी साडी को लाना और खिडकी से देना
मेरा ससुराल में मान रहेगा कि मेरा भाई आया हैऔर कुछ लाया है
भाई का दिया हुआ उपहार अनमोल है
क्योंकि भाई ही अनमोल है
सलामत रहे मेरा भैया
जुग- जुग जीए मेरा भैया

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