गणपति बप्पा का धूमधाम से आगमन
बप्पा ,अपने भक्तों को देख प्रसन्न
इतनी भक्ति और श्रद्धा
दिन पर दिन इसमें बढोतरी
बप्पा ने मूषक से पूछा
तुम प्रसन्न तो हो ना?
मूषक ने सर हिलाकर चूपचाप हॉ कहा
क्या बात है?
आज कुछ उछलकूद नहीं
आज मैं बहुत थक गया हूँ
सडक पर गढ्डों की भरमार
हम तो साल में एक बार यहॉ आते हैं
पर यहॉ के निवासी बारहों महीने यह पीडा झेलते हैं
कभी- कभी इस कारण जान भी गवाते हैं
दूसरा इतनी आवाज
मेरा सर फटने लगा
अच्छा ,और तो कोई परेशानी नहीं?
मिठाईयों की तो कतार लगी है ,जी भर खाओ
नहीं! बप्पा अब तो खाने से भी डर लगता है
बनावटी मावे से बनी ये मिठाईयॉ हुई तो?
मैं तो छोटा- सा जीव
मर जाऊंगा ,अब तो डर लगता है
बप्पा ने हँसकर कहा
अरे मूषक ,ये तो भोलेभाले है?
इन्हें पता नहीं ये क्या कर रहे हैं
आप इन्हें सद्बुद्धि दे बप्पा
अगली बार आप आए तो गढ्ढे न हो
मिलावट न हो
और आवाज न हो
केवल श्रद्धा मन से हो
दिखावा न हो
आप तो मंगलमूर्ति हो , विघ्नहर्ता हो
गणपति बप्पा मोरया
अगले बरस तू जल्दी आ
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 12 September 2016
बप्पा की सवारी - सडक की लाचारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment