शादी करनी चाहिए
घर बसाना चाहिए
परिवार बढाना चाहिए
बच्चे पैदा करना चाहिए
नहीं तो बुढापे मे अकेले रह जाएंगे
यह सोच है हमारी
अपनी मर्जी से जीना नहीं
शादी तो एक समझौता है
जिन्होंने शादी किसी कारणवश नहीं की
वह अलग नजर से देखा जाता है
चाहे वह कितने भी बडे पद पर हो
कितनी भी समाज सेवा करें
यह सोच बदलनी होगी
आजकल अकेला तो हर कोई है
बच्चे बड़े हो गए
अपना संसार बसा लिया
नहीं भी तो साथ रहना नहीं चाहते
फिर क्यों यह धारणा
शादी हुई तो भी ठीक न हुई तो भी
जिंदगी भर पछताने से क्या ???
हम अपनी जिंदगी को सार्थक करें
शादी ही लक्ष्य नहीं
आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जाने -माने
वह अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे हैं
सही जीवन साथी न मिला तो कोई बात नहीं
जिंदगी तो खुशहाल है
बच्चे नाम चलाए
इससे बेहतर स्वयं नाम बनाए
जो सदियों चले
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 7 May 2018
शादी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment