नर्स या सिस्टर की याद आते ही एक चेहरा जेहन मे घूम जाता है
उसका कोई रंग-रूप नहीं ,सेवा की मूर्ति
डॉक्टर तो बाद मे पहले नर्स ही देखती है
डॉक्टर एक या दो बार आते हैं
पर नर्स तो हर वक्त
रात हो या दिन ,हर वक्त सेवा मे हाजिर
अगर डॉक्टर व्यक्ति के.रूप मे ईश्वर है
तो नर्स ईश्वर का भेजा हुआ दूत है
इसलिए उसे सिस्टर यानि बहन कहा जाता है
माँ के बाद अगर किसी का निस्वार्थ प्रेम है तो वह
है बहन का
पहले तो सफेद कपडों मे पर आज पोशाक भले ही बदली हो पर धारणा वही
डाटेगी , सुई टोचेगी , कडवी दवाई पिलाएगी
और हमारी देखभाल करेगी
प्रेम से माथा.भी सहलाएँगी
बात करेगी ,सांत्वना देगी
अपनी लगती है मरीज को
अपना दुख साझा कर सकते है
नर्स न हो तो अस्पताल और डॉक्टर भी अधूरे
तुम सलामत रहो बहना
तभी तो मरीज की भी सलामती रहेगी
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Saturday, 12 May 2018
Happy nurse day
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