डॉक्टर ,इंजीनियर ,आर्किटेक्ट, अभिनेता ,वकील
बिजनेस मैन और न जाने क्या क्या
पर शिक्षक शायद कम लोग बनना चाहते
शिक्षकी पेशा पसंदीदा पेशा नहीं
आखिर क्यों???
इस नोबल प्रोफेसन को चुनना मजबूरी
प्रोफेसर तक तो ठीक
पर शिक्षक ??
जैसे पुलिस का कांस्टेबल
इंस्पेक्टर का रूतबा
पर रोज मोर्चा संभालने वाले सिपाही का महत्व कम
प्राइमरी शिक्षक ,सेकंडरी और सबसे छोटी नर्सरी या बालवाड़ी
यह काम इतना आसान नहीं
शिक्षक कोई भी बन सकता है
यह धारणा बन गई है
मन से शिक्षक बनना होगा
मजबूरी मे नहीं
तभी सही शिक्षा मिलेगी
देश के नौनिहालों को
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Thursday, 6 September 2018
शिक्षक बनना सौभाग्य
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