Wednesday, 5 December 2018

मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ
मेरा असतित्व क्या है
मैं किसी की बेटी
किसी की पत्नी
किसी की मां
किसी की बहन
पर मैं केवल यही हूँ क्या
मेरा स्वयं का व्यक्तित्व
वह तो कहीं दिखाई नहीं देता
मेरी दुनिया तो यही लोग हैं
मेरा संसार इनके ही इर्दगिर्द
इनकी खुशी मेरी खुशी
इनका दुख मेरा दुख
इनके चेहरे की मुस्कराहट सब कुछ
मैं स्वतंत्र नहीं
इनके बंधन मे बंधी
पर शायद यही मुझे प्यारा है
मैं अकेले नहीं
इन सब मे थोड़ी थोड़ी
बेटी बनना यह तो वरदान
पत्नी बन स्वयं का समर्पण
मां बनना तो सबसे बड़ा सौभाग्य
बहन बनना भाई की सबसे अच्छी साथी
फिर और क्या चाहिए
मैं कुछ नहीं
मैं इनमें हूँ
ये मेरे हैं
यही मेरी जिंदगी हैं
नाम नहीं प्यार से चलती
यह जिंदगी की गाडी
सब कुछ तो यही रह जाना है
फिर तुम्हारा क्या
मेरा क्या
मैं क्या हूँ या नहीं हूँ
जो भी हूँ बस खुश हूं

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