Wednesday, 23 January 2019

खोया - पाया केंद्र

सुना है कुंभ मे खोया - पाया केंद्र
अच्छा लगा
अब अपनों से नहीं बिछ़डेगा कोई
पर वैसी कहानियां भी नहीं होगी
पुरानी फिल्मों मे कितनी ही मेले मे खोने पर बनी
न जाने कितनी कहानियां
कितनी जुड़वाँ की
कितनी माता - पिता और बच्चों की
कहानियों का विषय ही खत्म
क्या मजेदार होती थी
पूरी फिल्म मे घटनाक्रम
अंत मे सबका सुखांत मिलन
तीन घंटे रोने के बाद
सब हंसते हुए बाहर निकलते
जैसे अपने ही परिवार का कोई हो
बाद मे वह सबको सुनाते थे
अब कोई खोएगा नहीं
खोया तो मिल जाएगा
यह भी सुखद होगा
कुंभ मे अब अपने ,अपनों के साथ ।

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