Wednesday, 20 March 2019

मैं भी चौकीदार

सफाई कर्मचारी आज स्वयं को छोटा नहीं महसूस करते
सदियो से उन्हें तुच्छ लेखा जाता रहा है
प्रधानमंत्री ने उन्हें ऊपर उठाया
उन्होंने स्वयं झाड़ू उठाया
तब सबने उठा लिया
चाय वाला एक गुमटी मे धंधा चला रहा है
वह भी सर उठा कर चल रहा है
क्योंकि प्रधानमंत्री ने चाय वाला स्वयं को बताया
आज चौकीदार से संवाद साधा
वह उनको अपने समक्ष पा रहा है
वह भी आंनदित है
वोट या चुनाव का मसला यह हो या नहीं
पर काम छोटा या बड़ा नहीं होता
सबकी अहमियत है
हर कोई यह सोच ले
तब तो हर काम करनेवाले का सम्मान होगा
यह जरुरी था
नौकरी नहीं मिली तब बैठे रहेंगे
पर काम करना अपमान समझेंगे
यह मानसिकता तो बदली ही है
इस बात के लिए यह देश का प्रधान सेवक
प्रशंसा और सम्मान का हकदार है

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