Tuesday, 12 March 2019

वे सैनिक है नेता नहीं

चुनाव की घोषणा हो गई है
आचार संहिता लागू हो गई थी
टेलीविजन पर डिबेट चल रहे हैं
सर्जिकल स्ट्राइक का हवाला दिया जा रहा है
विपक्ष भी सबूत मांग रहा है
कितने मरे यह प्रश्न चिन्ह बन गया है
आंकडे भी अलग अलग बताए जा रहे हैं
जम कर राजनीति हो रही है
सेना को भी शामिल किया जा रहा है
कम से कम उन्हें तो बख्श दे
देखा जाय तो आंकड़ों का खेल चुनाव है
जो जीता वहीं सिंकदर
भले ही दल बदल हो
जोड़ तोड़ हो
गठबंधन करना हो
सरकार बनानी हो
सेना और सरकार
यह भिन्न भिन्न हैं
सरकार कोई भी हो
सेना तो सबकी है
उसका शौर्य देश का शौर्य है
वह राजनीति का मैदान नहीं
युद्ध का अखाड़ा है
वहाँ जान देना है
जेब गर्म करना नहीं
वह आंकड़े नहीं देखते
बस वार करते हैं
नेता उन्हें अपना काम करने दें
उनको पराक्रम करने दे
शब्दो के बंदूक उन पर न चलाए
अपने मंच पर उन्हें न घसीटे
वे सैनिक है नेता नहीं

No comments:

Post a Comment