Saturday, 13 April 2019

राजा राम और राजनीति

आज रामनवमी है
राजा राम का जन्मदिन
एक शिष्य
एक पुत्र
एक भाई
एक पति
एक राजा
हर रूप आदर्श
इसे कायम रखने के लिए हर त्याग
आदर्श है
पुरूषोत्तम है
पुरूषार्थ के साथ विनम्रता
कमजोर नहीं थे
वनवास मिलने पर महारानी कैकेयी के विरूद्ध एक भी शब्द नहीं
उनके पुत्र भरत पर पूर्ण विश्वास
सुग्रीव से दोस्ती
अहिल्या का उद्धार
शबरी के जूठे बेर
निषादराज केवट की नाव की सवारी
विभिषण को शरण
रावण से युद्ध
यह साधारण इंसान नहीं
प्रभु राम कर रहे थे
सब जान रहे थे
इतने अंजान नहीं थे
राजा का फर्ज निभा रहे थे
राजनीति भी कर रहे थे
जनसाधारण मे अपनी पैठ बना रहे थे
चरण पादुका राज्य नहीं कर रही थी
वास्तव मे वन वन मे घूम घूम कर सबसे संपर्क साधना
अपनी वीरता और शौर्य का परिचय अयोध्या नरेश राम करवा रहे थे
ताड़का ,बालि , मारीच सब उसी की कड़ी थे
अयोध्या के राजमहल मे यह संभव नहीं था
कैकेयी और सीता तो माध्यम बने
रणनीति तो राम की ही थी
उस समय के सब राजा उनके सामने फीके पड़ गए थे
शिवधनुष को तोड़कर उन्होंने यह साबित कर दिया था
राजनीति करते हुए भी
वह आदर्श राजा और पुरषोत्तम बने रहे
यही तो उनकी सबसे बड़ी जीत थी
छल बल नहीं सामने से लड़ाई की
पिता की आज्ञा को शिरोधार्य किया
पर अपनी महत्ता सबको जता दी
तभी तो वह राजा राम है
रामराज्य का आदर्श आज भी है

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