Wednesday, 3 April 2019

शेर तो शेर ही है

शेर है जंगल का राजा
सब पर रौंब जमाता
हर प्राणी इससे डरते रहते
डर से दुबके रहते
कब किस पर वार करें
कब किस पर झपट्टा मारे
कब किसको चीरफाड़ अपना भक्ष्य बना ले
घास -फूस नहीं  ,फल -फूल नहीं
इसको तो प्यारा है रक्त - मांस
यह जब गुर्राता है
यह जब दहाड़ता है
सबकी सिट्टी -पिट्टी गुम
जंगल मे तो है बड़े बड़े जानवर
हाथी -भालू जैसे
तब भी शेर है सब पर भारी
आखिर शेर तो शेर ही है

No comments:

Post a Comment