मन मे अजब सी हलचल है
विचारों का मेला लगा है
कुछ आते कुछ जाते
इनका यही झमेला है
रुकना नहीं जानते
भूलना नहीं चाहते
ठहरना इनकी फितरत
बेचैन कर जाते हैं
कभी खुशी कभी गम दे जाते हैं
कुछ लम्हे यादगार भी बन जाते हैं
कुछ रूला डालते हैं
कुछ हंसाते हैं
कुछ गुदगुदाते हैं
कभी सुकून देते हैं
हमेशा साथ रहते हैं
कभी पीछा नहीं छोड़ते
लम्हों का
यादों का अपना संसार
इन्हीं से बना जीवन संग्राम
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Friday, 5 April 2019
जीवन संग्राम
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