जलियांवाला वाला बाग का सामूहिक नरसंहार
यह खेद व्यक्त कर
माफी मांग कर
भरपाई नहीं होनेवाला
डायर ने गोलियां चलवाई थी
उसकी गूंज आज भी गूंज रही है
बहुत गहरा घाव है
भरनेवाला नहीं
जब जब उसका जिक्र होगा
फिर ताजा हो जाएगा
यह ब्रिटिश सत्ता पर घिनौना दाग है
उनकी क्रूरता का परिचायक है
सत्ता के लालची
भारत को लूटने वाले
उनको गुलाम बना कर रखनेवाले
उन्हीं के देश मे उन्हीं पर राज करना
हमारी इंसानियत और मेहमाननवाजी का गलत फायदा
व्यापारी बन कर आए
शासक बन बैठे
क्रांतिकारियों की शहादत
यह भारत नहीं भूल सकता
जलियांवाला बाग हत्याकांड की याद
जब जब किसी अंग्रेज को देखते हैं
तब याद हो आती है
गुलामी याद हो आती है
प्रेम नहीं रोष उत्पन्न हो जाता है
मानवता को शर्मसार करनेवाली घटना को कोई कैसे भूल सकता है
भारत का जलियांवाला बाग
जापान का हिरोशिमा -नागाशाकी
यह डायर और ट्रूमैन द्वारा किया गया वह क्रूर कृत्य है
जो किसी भी सभ्य समाज के लिए घातक है
विनाश का उदाहरण है
सबक लेना है
जीवन का इस तरह संहार
यह तो सबके लिए शर्मसार
इनके लिए जो है जिम्मेदार
उन्हें नहीं मानव कहलाने का अधिकार
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Sunday, 14 April 2019
जलियाँवाला हत्याकांड
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment