Saturday, 15 June 2019

सीढियां बहुत कुछ कहती है

सीढियां यह हमें कुछ बताती है
जीवन का राग सुनाती हैं
बहुत कुछ सिखाती हैं
यह शिखर पर चढने को प्रेरित करती हैं
यह उत्कर्ष का मार्ग दिखाती हैं
जीवन में एक एक पायरी चढना
हर कदम को संभालकर रखना
नहीं तो कदम लडखडाए
आप धडाम से नीचे
संभलने का मौका भी नहीं
शांतचित्त हो चढना
संयम रखना
कभी थक जाय तो कुछ वक्त के लिए थम जाय
सांस ले ले
फिर जोश से चढे
कभी कभी पैर पीछे भी आ जाते हैं
यह जीवन में अमूमन
पर हारना नहीं है
हर हाल में ऊपर ही चढना है
अपने गंतव्य को पहुंचाना है
चढाई इतनी आसान नहीं
पसीने छूट रहे होते हैं
हाफ रहे होते हैं
कभी-कभी कुछ आगे भी निकल जाते हैं
कुछ साथ चलते हैं
कुछ पीछे छूट जाते हैं
कभी अकेले चलना है
ऊपर की मंजिल तो दिखाई भी नहीं देती
एक एक मंजिल को पार कर
अपनी मंजिल तक पहुंचना
यही तो सीढियां सिखाती है
जीवन में उत्कर्ष की दिशा में जाना है
ऊपर चढते जाना है
सारी बाधाओ को पार कर
कभी रुकते कभी थमते
नजर ऊपर ही रखनी है
मंजिल तो अवश्य ही मिलेगी
प्रयास और परिश्रम से सब संभव
यही तो सीढी अपने साथ चढते हुए
संदेश भी देती जाती है

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